श्याम थारी चाकरी,
म्हारो मान बढ़ावे रे,
बाबा थारी चाकरी,
म्हारो मान बढ़ावे रे,
सेवक हूँ थारो बाबा,
सेवक हूँ थारो जी,
सेवक हूँ थारो बाबा,
ये सबने बतलावे,
श्याम थांरी चाकरी,
म्हारो मान बढ़ावे रे।।
मुझसा नालायक ने तू,
अपना बना लियो,
भटक्या रही ने सीधो,
रस्ता दिखा दियो,
म्हारे जैसा ने तू ही,
पास बिठावे,
श्याम थांरी चाकरी,
म्हारो मान बढ़ावे रे।।
थारी दया का बाबा,
भार घणो है,
कैसे चुकाऊँ,
उपकार घणो है,
सिर ना उठे ये मेरा,
नैना भर भर आवे,
श्याम थांरी चाकरी,
म्हारो मान बढ़ावे रे।।
हाथां ने जोडू बाबा,
करूँ अरदास जी,
म्हाने बना के राखो,
चरणों का दास जी,
सब ने सुना के ‘पंकज’,
यूँ इतरावे हो,
श्याम थांरी चाकरी,
म्हारो मान बढ़ावे रे।।
श्याम थारी चाकरी,
म्हारो मान बढ़ावे रे,
बाबा थारी चाकरी,
म्हारो मान बढ़ावे रे,
सेवक हूँ थारो बाबा,
सेवक हूँ थारो जी,
सेवक हूँ थारो बाबा,
ये सबने बतलावे,
श्याम थांरी चाकरी,
म्हारो मान बढ़ावे रे।।
Singer & Writer – Gyan Pankaj Ji