श्याम तुम्हारे नाम से ही,
हम सब की पहचान है,
प्राणों से प्यारा है तू,
हम प्रेमियो की जान है।।
प्रेम के दो आंसू तेरे,
चरणों में बहे जाते है,
हम खाटू से जाते है,
पर प्राण यही रहे जाते है,
जन्नत से भी पावन तेरा,
सुन्दर खाटू धाम है,
प्राणों से प्यारा है तू,
हम प्रेमियो की जान है।।
तेरी चौखट पर सिर रखकर के,
हम जो रो लेते है,
ऐसा लगता अपनी माँ की,
गोदी में सो लेते है,
मात पिता भाई सखा,
मेरा सब तू ही श्याम है,
प्राणों से प्यारा है तू,
हम प्रेमियो की जान है।।
चूरमे का भोग तुझे हम,
प्रेम से लगाते है,
खुद खाते है इस्ट मित्र,
परिवार को खिलाते है,
तेरा जूठा खाने से,
मन को मिलता आराम है,
प्राणों से प्यारा है तू,
हम प्रेमियो की जान है।।
श्याम तुम्हारे नाम से ही,
हम सब की पहचान है,
प्राणों से प्यारा है तू,
हम प्रेमियो की जान है।।
गायक / प्रेषक – ऋषभ यगशैनी।
(अयोध्या धाम) 9044466614