श्याम तुमको ये क्या हो गया,
क्यों मेरी याद आती नहीं,
तुमने ही तो बनाया मुझे,
अब क्या सूरत यह भाती नहीं,
श्याम तुमकों ये क्या हो गया,
क्यों मेरी याद आती नहीं।।
दिन में तेरा ही जिक्र करूं,
रात नागिन सी डसती मुझे,
मुझको काबिल बनाया प्रभु,
क्या मैं तेरे ही काबिल नहीं,
श्याम तुमकों ये क्या हो गया,
क्यों मेरी याद आती नहीं।।
हर घड़ी रहती है कोशिशें,
कैसे हो श्याम अपना मिलन,
राह तेरी कोई क्या प्रभु,
मुझको तुमसे मिलाती नहीं,
श्याम तुमकों ये क्या हो गया,
क्यों मेरी याद आती नहीं।।
‘सोनू लक्खा’ कहीं ऐसा हो,
ऐसे मौके पर दीदार हो,
नब्ज़ मेरी तेरे हाथ में,
तू कहे सांस आती नहीं,
श्याम तुमकों ये क्या हो गया,
क्यों मेरी याद आती नहीं।।
श्याम तुमको ये क्या हो गया,
क्यों मेरी याद आती नहीं,
तुमने ही तो बनाया मुझे,
अब क्या सूरत यह भाती नहीं,
श्याम तुमकों ये क्या हो गया,
क्यों मेरी याद आती नहीं।।
Singer – Simran Kour
Writter – Sonu Lakha Ji