श्याम तुमसे हमारी अर्जी है,
बाबा तुझसे हमारी अर्जी है,
कभी हमसे खफा नहीं होना,
श्याम तुमसें हमारी अर्जी है,
बाबा तुझसे हमारी अर्जी है।।
हम है इंसान सांवरे सुन ले,
ग़लती इंसान की तो फ़ितरत है,
हम है अज्ञानता के घेरे में,
भूल अज्ञानता की फ़ितरत है,
आप तो ज्ञान के समंदर है,
आप अपने से तोल मत लेना,
आप अपने से तोल मत लेना,
बाबा तुझसे हमारी अर्जी है,
श्याम तुमसें हमारी अर्जी है।।
प्रेम तुमसे किया प्रभु हमने,
प्रेम की रीत पर नहीं जाने,
ज़िंदगी आप बिन अधूरी है,
हम तो जाने तो बस यही जाने,
आपका प्यार दिल की धड़कन है,
दिल से धड़कन को मत जुदा करना,
दिल से धड़कन को मत जुदा करना,
बाबा तुझसे हमारी अर्जी है,
श्याम तुमसें हमारी अर्जी है।।
रूप ऐसा बसा है नैनो में,
और कुछ नज़र नही आता,
ध्यान हमको तो बस तुम्हारा है,
मन मेरा गीत भी तेरे गाता,
‘नंदू’ तेरा प्रभु दीवाना,
इस दीवाने की आरज़ू सुनना,
इस दीवाने की आरज़ू सुनना,
बाबा तुझसे हमारी अर्जी है,
श्याम तुमसें हमारी अर्जी है।।
श्याम तुमसे हमारी अर्जी है,
बाबा तुझसे हमारी अर्जी है,
कभी हमसे खफा नहीं होना,
श्याम तुमसें हमारी अर्जी है,
बाबा तुझसे हमारी अर्जी है।।
स्वर – संजय मित्तल जी।
लेखक – नंदू जी शर्मा।
Tarz kyya hai bhajan ki
Bahut acha laga