श्यामा आन बसो हरियाणे में,
होवे मुश्किल खाटू जाने में।।
प्यारे समझ लियो म्हारी मजबूरी,
दर्शन करने भी बड़े जरूरी,
कम करदो बीच की ये दूरी,
क्या मिलता है तड़पाने में,
श्यामा आन बसों हरियाणे में,
होवे मुस्किल खाटू जाने में।।
सांझ सवेरे दर आके,
मन की करलूँ सेवा थाके,
चाहे देख लियो मने अजमा के,
ना पाऊं कदे उलाने में,
श्यामा आन बसों हरियाणे में,
होवे मुस्किल खाटू जाने में।।
जब बाजै ढोलक थारे मंदिर,
होजै अमित केशव यो मस्त कलंदर,
उठै झाल मेरे तन मन अंदर,
फेर जोर लगा दू गाने में,
श्यामा आन बसों हरियाणे में,
होवे मुस्किल खाटू जाने में।।
श्यामा आन बसो हरियाणे में,
होवे मुश्किल खाटू जाने में।।
गायक – अमित केशव।
9992771630