सोला संतोषी पेरिया,
ज्ञान गैरू में रंगिया,
सुमता री चादर ओढ़ ने,
निर्मल भभुत लगाया,
बणिया वैरागी हरि नाम रा,
हरिगुण हरिगुण गाया,
सत्तगुरू मों पे मेहर करो,
गुरू म्हाने ज्ञान बताया रे हे हां।।
सिल लंगोटा पैरिया,
अमिया बावड़ी चङिया,
झरणो झोली घाल दी,
निर्गुण रोटी लाया,
बणिया वैरागी हरि नाम रा,
हरिगुण हरिगुण गाया,
सत्तगुरू मों पे मेहर करो,
गुरू म्हाने ज्ञान बताया रे हे हां।।
मन रा किना मणकला,
तन डोरा में पोया,
घट नें माला फेरता,
नाम निगे कर जोया,
बणिया वैरागी हरि नाम रा,
हरिगुण हरिगुण गाया,
सत्तगुरू मों पे मेहर करो,
गुरू म्हाने ज्ञान बताया रे हे हां।।
दया धर्म री मण्डली,
तीन पांच समझाया,
बगसो जी खाती बोलिया,
किण विध जोग कमाया,
बणिया वैरागी हरि नाम रा,
हरिगुण हरिगुण गाया,
सत्तगुरू मों पे मेहर करो,
गुरू म्हाने ज्ञान बताया रे हे हां।।
सोला संतोषी पेरिया,
ज्ञान गैरू में रंगिया,
सुमता री चादर ओढ़ ने,
निर्मल भभुत लगाया,
बणिया वैरागी हरि नाम रा,
हरिगुण हरिगुण गाया,
सत्तगुरू मों पे मेहर करो,
गुरू म्हाने ज्ञान बताया रे हे हां।।
गायक – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – प्रेम जांगिड़
9166636693