सोलंकीया रा पर्चा,
भारी ओ राज,
हालो आपा हाला रे।।
सोलंकिया ने पर्चो दीनो हो.. हो.. हो,
नाडी में भवन चिनायो ओ राज,
हालो आपा हाला रे।।
सुरजा बाई ने पर्चो दीनो हो..हो..हो,
सासरीये सु बेगा लाया ओ राज,
हालो आपा हाला रे।।
भाई शमेरे ने पर्चो दीनो जी हो.. हो..हो,
पानी सु प्यास बुखाई ओ राज,
हालो आपा हाला रे।।
भगत मंडल थारा गुणिया गावे हो.. हो.. हो,
थे राखो छ्त्रीये री छाया ओ राज,
हालो आपा हाला रे।।
सोलंकीया रा पर्चा,
भारी ओ राज,
हालो आपा हाला रे।।
गायक / प्रेषक – उदमी बाघेला।
8094273572