सोने की लंका जलाई रे,
वीर बजरंगबली ने,
रावण की लुटिया डुबोई रे,
वीर बजरंगबली ने।।
राम नाम द्वारे पे लिखा है,
मात सिया का पता मिला है,
विभीषण की कुटिया बचाई रे,
वीर बजरंगबली ने।।
शक्ति बाण लगे लक्ष्मण को,
रघुवर चैन पड़े नही मन को,
बूटी संजीवन को लाई रे,
वीर बजरंगबली ने।।
एक लाख पूत सवा लख नाती,
कौन जलाये अब दीपक बाती,
‘पदम्’ की बिगड़ी बनाई रे,
वीर बजरंगबली ने।।
सोने की लंका जलाई रे,
वीर बजरंगबली ने,
रावण की लुटिया डुबोई रे,
वीर बजरंगबली ने।।
प्रेषक – डालचन्द कुशवाह”पदम्”
भोपाल। 9827624524