सोवणी द्वारका सु,
रामदेव पधारीया,
भलो कियो तंवरा रो जी,
माता मेणादे री आशा पुरी,
भाणु जिवायो सुगना रो,
हाजर नोकर थारो बाबा,
हो हाजर नोकर थारो जी,
धजाबंद धणिया रो,
हाजर नोकर थारो जी।।
बड़ा विरम देव छोटा धणी रामदेव,
जोङ भलो भाया रो जी,
रूपा दे रे आराध्य आया बाबा,
भरीयो धाळ फुला रो जी,
हाजर नोकर थारो बाबा,
हो हाजर नोकर थारो जी,
धजाबंद धणिया रो,
हाजर नोकर थारो जी।।
द्रोपदी सति रो चीर बढायो,
आम्बो फळीयो पांडवा री,
नरसी भगत रो माहिरो भरीयो बाबा,
रथ अर्जुन रो हाख्यो जी,
हाजर नोकर थारो बाबा,
हो हाजर नोकर थारो जी,
धजाबंद धणिया रो,
हाजर नोकर थारो जी।।
पूंछ बांध ने आग लगाई जी,
आगे रावण बंको जी,
राजा रावण ने आप बिडारियो,
हनुमत किनो हाको जी,
हाजर नोकर थारो बाबा,
हो हाजर नोकर थारो जी,
धजाबंद धणिया रो,
हाजर नोकर थारो जी।।
गज री पुकार सुणी सागर में,
हेंवर घोड़ो थाको जी,
दो कर जोङ राजा मान सिंह बोले,
जुग-जुग शरणे में राखो जी,
हाजर नोकर थारो बाबा,
हो हाजर नोकर थारो जी,
धजाबंद धणिया रो,
हाजर नोकर थारो जी।।
सोवणी द्वारका सु,
रामदेव पधारीया,
भलो कियो तंवरा रो जी,
माता मेणादे री आशा पुरी,
भाणु जिवायो सुगना रो,
हाजर नोकर थारो बाबा,
हो हाजर नोकर थारो जी,
धजाबंद धणिया रो,
हाजर नोकर थारो जी।।
गायन – नरजी भाळू राजवा।
प्रेषक – धनाराम खोजा खङकाली (नागौर)