सुआ बोल राम की वाणी,
दोहा – कुंजर मद मस्त मरे तो मारिए,
कामनी कनक कलेश टले तो टालिए,
हरि भजन सून है पले तो पालिए,
अरे हाँ बाजिंद,
राम भजन में देह गले तो गालिए।
बादशाह की सेज पथरना पाठ का,
हीरा जड़े जड़ावक पाया खाट का,
हुरमा खड़ी हजूर उतारे बंदगी,
अरे हाँ बाजिंद,
बिन भजिया भगवान पड़िया सब गंदगी।
सुआ बोल राम की वाणी,
आना होई ना होएगा फिर,
दो दिन की जिंदगानी,
सुआ बोल राम की वाणी।।
दिन दिन छीन छीन बीते उमरिया,
जैसे अंजलि का पानी,
सूखे कंज कली मुरजावे,
उड़े भवर सैलानी,
सुआ बोल राम की वाणी।।
राम अदालत खरा फैसला,
चाहे कर ले यहां मनमानी,
कर्म सजा बहु काल भरेगा,
क्यों करता नादानी,
सुआ बोल राम की वाणी।।
पाखंड पूजा तज सत्संग करो,
कोई पूजो सतगुरु ज्ञानी,
महापुरुषों की सत्संग से,
मिट जावे खेंचातानी,
सुआ बोल राम की वाणी।।
बीती बहुत रह गई थोड़ी,
अब तो मत कर हानि,
भारती पूरण नेकी सुधरे,
राम भजन कर प्राणी,
सुआ बोल राम की वाणी।।
सुआ बोंल राम की वाणी,
आना होई ना होएगा फिर,
दो दिन की जिंदगानी,
सुआ बोल राम की वाणी।।
गायक – पुरण भारती जी महाराज।
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