सुदामा खड़ा तेरे दर सांवरे,
दोहा – मेरी कागज़ की कश्ती कान्हा,
तुम इसको पार लगाओ,
हार के आया द्वार पे तेरे,
आकर गले से लगाओ।
सुदामा खड़ा तेरे दर सांवरे,
कर दो कृपा की,
कर दो कृपा की नजर सांवरे,
सुदामा खड़ा तेरे दर साँवरे,
सुदामा खड़ा तेरे दर सांवरे।।
रहूं गरीब या बनु सेठ ये,
कभी चाहूँ दाता,
दुआ करूँ की टूट ना पाए,
मेरा तुम्हारा नाता,
दुआए करेंगी,
दुआए करेंगी असर सांवरे,
सुदामा खड़ा तेरे दर साँवरे,
सुदामा खड़ा तेरे दर सांवरे।।
निर्धन जान मुझको मोहन,
तू बिसरा ना देना,
हार गया मैं इस दुनिया से,
क्या क्या पड़ा है सहना,
मुझे ले लो अपनी,
मुझे ले लो अपनी शरण सांवरे,
सुदामा खड़ा तेरे दर साँवरे,
सुदामा खड़ा तेरे दर सांवरे।।
भूख प्यास से है अपनी,
बडी पुरानी यारी,
कैसे भोग लगाउं तुझको,
सूझे नही मुरारी,
मात आजमा तू मेरा,
मात आजमा तू मेरा सब्र सांवरे,
सुदामा खड़ा तेरे दर साँवरे,
सुदामा खड़ा तेरे दर सांवरे।।
तुझपे भरोसा करके मोहन,
जो तेरे दर आते,
दीनदयाल तू जाने मन की,
बिन मांगे सब पाते,
तेरे ‘पाल’ की भी ले ले,
तेरे ‘पाल’ की भी लेले खबर सांवरे,
सुदामा खड़ा तेरे दर साँवरे,
सुदामा खड़ा तेरे दर सांवरे।।
सुदामा खड़ा तेरे दर सांवरे,
कर दो कृपा की,
कर दो कृपा की नजर सांवरे,
सुदामा खड़ा तेरे दर साँवरे,
सुदामा खड़ा तेरे दर सांवरे।।
गायक – विशाल मित्तल।