सुख मिलता है श्याम भजन से,
श्यामधणी को रिझालो रे,
ऐसा आनंद कहीं न मिलता,
सच्चे मन से मनालो रे।।
तर्ज – नगरी नगरी द्वारे द्वारे।
यूं तो चिंताएं है कितनी,
जीवन के कई मोड़ रे,
एक पल का भरोसा नहीं है,
मन करे कई होड़ रे,
मन करे कई होड़ रे,
वक्त के रहते श्याम को पालो,
अंतर्मन को जगा लो रे,
सुख मिलता हैं श्याम भजन से,
श्यामधणी को रिझालो रे।bd।
श्याम सा साथी मिल जाए तो,
परवाह नही किसी और की,
सारे काज ये सफल बनाए,
विपदा हो चाहे ज़ोर की,
विपदा हो चाहे ज़ोर की,
लेख लिखे भी श्याम मिटा दे,
श्याम को अपना बना लो रे,
सुख मिलता हैं श्याम भजन से,
श्यामधणी को रिझालो रे।bd।
श्याम भजन से तन मन झूमे,
श्याम से लौ लग जाए रे,
श्याम नाम को जो भी भजता,
किस्मत वो जग जाए रे,
राकेश ऐसा मौका न चूको,
श्याम के गुण सब गा लो रे,
सुख मिलता हैं श्याम भजन से,
श्यामधणी को रिझालो रे।bd।
सुख मिलता है श्याम भजन से,
श्यामधणी को रिझालो रे,
ऐसा आनंद कहीं न मिलता,
सच्चे मन से मनालो रे।।
Singer – Prateek Mishra
9389220702
Lyrics – Rakesh Nalot