परिवार मेरा खुशहाल हो मैंने,
इतना ही माँगा,
सुन ले कन्हैया मनुहार,
डोर पकड़ ले हम दीनो की,
प्रेम का है धागा,
तुमसे बंधा है सरकार,
सुन ले कन्हैंया मनुहार।।
हमको भरोसा है,
तू साथ ना छोड़े,
नाजुक बड़ा बंधन,
बंधन नहीं तोड़े,
तुझपे ही सुख दुःख छोड़ दिया है,
मालिक मान कर,
जीवन करो गुलज़ार,
परिवार मेरा खुशहाल हो मैंने,
इतना ही माँगा,
सुन ले कन्हैंया मनुहार।।
इस दुनिया का क्या है,
ना जीने मरने दे,
माया में लिपटा मन,
ना उसे सुधरने दे,
बस एक तेरी ही लगन लगा के,
मन का ये पंक्षी,
श्याम ही बोले बार बार,
परिवार मेरा खुशहाल हो मैंने,
इतना ही माँगा,
सुन ले कन्हैंया मनुहार।।
कण कण में वास तेरा,
परमात्मा हो तुम,
मेरी धड़कन में भी तुम,
मेरी आत्मा हो तुम,
‘चोखानी’ करे चरण चाकरी,
जब तक साँस में साँस,
रख लो मुझे सेवादार,
परिवार मेरा खुशहाल हो मैंने,
इतना ही माँगा,
सुन ले कन्हैंया मनुहार।।
परिवार मेरा खुशहाल हो मैंने,
इतना ही माँगा,
सुन ले कन्हैया मनुहार,
डोर पकड़ ले हम दीनो की,
प्रेम का है धागा,
तुमसे बंधा है सरकार,
सुन ले कन्हैंया मनुहार।।
स्वर – अंजना आर्य।