सुनले पुकार मेरी,
बंसी बजाने वाले।
दोहा – जय जय श्री राधा रमण,
जय जय नवल किशोर,
जय गोपी चितचोर प्रभु,
जय जय माखन चोर।
सुन ले पुकार मेरी,
बंसी बजाने वाले,
बिगड़ी मेरी बना दे,
बिगड़ी बनाने वाले।bd।
द्रोपदी सभा में घेरि,
तब चिरो की कर दी ढेरी,
पल की नहीं की देरी,
पल की नहीं की देरी,
उनकी लजिया बचाने वाले,
सुन ले पुकार मेरी,
बंसी बजाने वाले।bd।
मिलने सुदामा आए,
चावल जरा सा लाए,
मन में बड़े सुहाए,
मन में बड़े सुहाए,
उनकी विपदा मिटाने वाले,
सुन ले पुकार मेरी,
बंसी बजाने वाले।bd।
सुनले पुकार मेरी,
बंसी बजाने वाले,
बिगड़ी मेरी बना दे,
बिगड़ी बनाने वाले।bd।
गायक – दिलीप भईया।