सुन ले रे,
श्याम दिल की मेरे तेरे,
आया प्यारे, खाटू में,
आते रे,
श्याम जग से हारे सारे,
तेरे द्वारे, खाटू में,
सुन लें रे,
श्याम दिल की मेरे तेरे,
आया प्यारे, खाटू में।।
तर्ज – रिमझिम के गीत सावन गाए।
नादान हूं,
परेशान हूं,
दीन दुनिया से तेरी अंजान हूं,
तु तो जाने,
जग ना माने,
दो दिन का ही अब तो मेहमान हूं,
बरसे रे,
श्याम नैना ऐसे जैसे,
बदरा सारे, खाटू में,
तेरे द्वारे, खाटू में,
सुन लें रे,
श्याम दिल की मेरे तेरे,
आया प्यारे, खाटू में।।
मैं तो जानू,
दिल से मानू,
तेरे दर के सिवा ना कहीं ठौर है,
किसको कह दूं,
कैसे कह दूं,
मेरी करता ना बाबा तू भी गौर है,
धर दे रे,
हाथ दाता सर पे दर पे,
पालनहारे, खाटू में,
तेरे द्वारे, खाटू में,
सुन लें रे,
श्याम दिल की मेरे तेरे,
आया प्यारे, खाटू में।।
अपने रूठे,
सपने टूटे,
सारे मतलब के निकले यहां नाते,
अपनी कह दे,
मेरी सुन ले,
कभी कर ले “जालान” से भी बातें,
अब तो रे,
श्याम मनवा मेरा तेरा,
नाम उचारे, खाटू में,
तेरे द्वारे, खाटू में,
सुन लें रे,
श्याम दिल की मेरे तेरे,
आया प्यारे, खाटू में।।
सुन ले रे,
श्याम दिल की मेरे तेरे,
आया प्यारे, खाटू में,
आते रे,
श्याम जग से हारे सारे,
तेरे द्वारे, खाटू में,
सुन लें रे,
श्याम दिल की मेरे तेरे,
आया प्यारे, खाटू में।।
गायक – उमाशंकर गर्ग।
भजन लेखक – पवन जालान।
9416059499 भिवानी (हरियाणा)