सुन री यशोदा माई,
दिखला दे तेरो कन्हाई,
की दिल मेरा मान जाएगा,
की मन मेरा मान जाएगा।।
भिक्षा गर मांगे तो भिक्षा हम देंगे,
हीरे मोतियो से तेरी झोली भर देंगे,
जो चाहे तुझे दिलवाऊ,
पर लाला को ना दिखाऊ,
की लाल मेरा डर जाएगा,
कन्हैया मेरा डर जाएगा।।
धन और दौलत मुझे नहीं चाहिए,
लाला का दरश मुझे बस चाहिए,
मुझे लाला का दर्श करादे,
इन अंखियों कि प्यास बुझा दे,
की दिल मेरा मान जाएगा,
की मन मेरा मान जाएगा।।
सुन री यशोदा माई,
दिखला दे तेरो कन्हाई,
की दिल मेरा मान जाएगा,
की मन मेरा मान जाएगा।।
गायक – अलकनंदा दीदी।
लेखक / प्रेषक – मनोज बैरागी।