सुणले बाबा गोरख नाथ,
हाथ सर पै धर कै जाईए,
हाथ सर पै धर कै जाईए,
सुणले बाबा गोरखनाथ,
हाथ सर पै धर कै जाईए।।
तेरी श्यान जिगर में खटकै,
मेरा मन दर्शन बीन भटकै,
देदो जन्म जन्म का साथ,
हाथ सर पै धर कै जाईए,
सुणले बाबा गोरखनाथ,
हाथ सर पै धर कै जाईए।।
तेरे धुणे पै भाग जागते,
सब संकट दूर भागते,
तेरे चिमटे म करामात,
हाथ सर पै धर कै जाईए,
सुणले बाबा गोरखनाथ,
हाथ सर पै धर कै जाईए।।
धूणे प डेरू बाजैं,
पडे़ भूत पायां म नाचैं,
बाबा करो नीरोगा गात,
हाथ सर पै धर कै जाईए,
सुणले बाबा गोरखनाथ,
हाथ सर पै धर कै जाईए।।
लाई कुड़ल्याणिए न अर्जी,
ईब आग्गै तेरी मर्जी,
गजेन्द्र के समझो जजबात,
हाथ सर पै धर कै जाईए,
सुणले बाबा गोरखनाथ,
हाथ सर पै धर कै जाईए।।
सुणले बाबा गोरख नाथ,
हाथ सर पै धर कै जाईए,
हाथ सर पै धर कै जाईए,
सुणले बाबा गोरखनाथ,
हाथ सर पै धर कै जाईए।।
गायक – लक्की शर्मा पिचौलिया।
लेखक / प्रेषक – गजेन्द्र स्वामी कुड़ल्याणिया।
9996800660