सुनो जी हम श्याम दीवाने हैं,
एक हमारा सांवरिया और,
बाकी सारे बेगाने हैं,
हम श्याम दीवाने है,
सुनों जी हम श्याम दीवाने हैं।।
तर्ज – हम बाबा वाले हैं।
श्याम हमारा मात पिता है,
श्याम हमारा यार,
इसके दाना पानी से चलता,
है अपना परिवार,
कर दी हवाले जीवन गाड़ी,
कर दी हवाले जीवन गाड़ी,
बाकी सब वो जाने है,
हम श्याम दीवाने है,
सुनों जी हम श्याम दीवाने हैं।।
हर ग्यारस खाटू आते है,
लेकर तेरा नाम,
आनंद मिलता जो खाटू में,
मिले न चारों धाम,
खाटू की गलियों में मिलते,
खाटू की गलियों में मिलते,
प्रेमी नए पुराने हैं,
हम श्याम दीवाने है,
सुनों जी हम श्याम दीवाने हैं।।
दर दर की दरकार नही,
सरकार श्याम की न्यारी है,
ऐसी निराली शान पे सारे,
‘रसिक’ जाए बलिहारी है,
ऐसा रस बरसे खाटू में,
ऐसा रस बरसे खाटू में,
बरसे न सारे जमाने में,
हम श्याम दीवाने है,
सुनों जी हम श्याम दीवाने हैं।।
सुनो जी हम श्याम दीवाने हैं,
एक हमारा सांवरिया और,
बाकी सारे बेगाने हैं,
हम श्याम दीवाने है,
सुनों जी हम श्याम दीवाने हैं।।
– गायक एवं प्रेषक –
रिंकू श्रीवास ‘रसिक’
9911936151