धर्म को डर नहीं दुनिया रे माय,
धणीया बिना आज सुनी फिरे गाय,
कटवा ने चाली आज कान्हा थारी गाय,
सुणो सुणो म्हारा सांवरा कुण करे सहाय,
सुणो सुणो म्हारा साँवरा कुण करे सहाय।।
समुद्र मंथन कामधेनु प्रगटाय,
तन मे ३३ कोटि देवी देवता समाय,
समुद्र मंथन कामधेनु प्रगटाय,
तन में ३३ कोटि देवी देवता समाय,
गौ से गोपाल नाम सांवरा कहाय,
सुणो सुणो म्हारा साँवरा कुण करे सहाय,
सुणो सुणो म्हारा साँवरा कुण करे सहाय।।
गोबर भी शुद्ध यज्ञ आंगनो लिपाय,
मूत्र भी पवित्र सर्व मंगल कहाय,
गोबर भी शुद्ध यज्ञ आंगनो लिपाय,
मूत्र भी पवित्र सर्व मंगल कहाय,
दर्शन करता ही पाप मिट जाय,
सुणो सुणो म्हारा साँवरा कुण करे सहाय,
सुणो सुणो म्हारा साँवरा कुण करे सहाय।।
अरे दूध है पवित्र सारा देवता नहाय,
पंचद्रव्य रोग सारा जड़ सु मिटाय,
दूध है पवित्र सारा देवता नहाय,
पंचद्रव्य रोग सारा जड़ सु मिटाय,
अनमोल हीरा आज कचरा मे जाय,
सुणो सुणो म्हारा साँवरा कुण करे सहाय,
सुणो सुणो म्हारा साँवरा कुण करे सहाय।।
भोली भाली सूरत मे ममता समाय,
शक्ति स्वरूपा गौ माता कहलाय,
भोली भाली सूरत में ममता समाय,
शक्ति स्वरूपा गौ माता कहलाय,
सेवा बिना तू पार कैसे जाय,
सुणो सुणो म्हारा साँवरा कुण करे सहाय,
सुणो सुणो म्हारा साँवरा कुण करे सहाय।।
धर्म को डर नहीं दुनिया रे माय,
धणीया बिना आज सुनी फिरे गाय,
कटवा ने चाली आज कान्हा थारी गाय,
सुणो सुणो म्हारा सांवरा कुण करे सहाय,
सुणो सुणो म्हारा साँवरा कुण करे सहाय।।
गायक – महेंद्र सिंह जी राठौर।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818