चले आओ,
तड़पता है तेरा ये दास संभालो,
मिलन की आस ना टूटे संभालो।।
ये जीवन भी है थोड़ा,
ये सांसे भी है थोड़ी,
है रस्ता सीधा दर का,
क्यों मेरी राहे मोड़ी,
मुझे तेरी डगर पे श्याम चला लो,
मिलन की आस ना टूटे संभालो,
तड़पता हैं तेरा ये दास संभालो।।
मेरे दिल में तुम्ही हो,
मेरी धड़कन तुम्ही हो,
ना भूलो श्याम मुझको,
मेरा जीवन तुम्ही हो,
ये बाहे थाम लो बाबा बचालो,
मिलन की आस ना टूटे संभालो,
तड़पता हैं तेरा ये दास संभालो।।
मैं पागल था दीवाना,
तुझे समझा ना जाना,
जो भूले मैंने की है,
वो तुझको है भूलाना,
मुझे चरणों की सेवा में लगा लो,
मिलन की आस ना टूटे संभालो,
तड़पता हैं तेरा ये दास संभालो।।
तू दानी है दयालु,
तू कर किरपा कृपालु,
मुझे दर पे बुलाले,
नीत दर्शन मैं पा लूँ,
जो पर्दा है उसे बाबा उठालो,
मिलन की आस ना टूटे संभालो,
तड़पता हैं तेरा ये दास संभालो।।
चले आओ,
तड़पता है तेरा ये दास संभालो,
मिलन की आस ना टूटे संभालो।।
स्वर – संजय मित्तल जी।
प्रेषक – केशव शर्मा।
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