थारा किया करम मिट जाई,
तम्बुरा सुणले साधु भाई,
प्रथम में गुरूजी को सिमरु,
सिमरु स्वर्गा माई,
दर्शन देवों गुरू दर्शन देवो,
हीरदे में या मत आई,
तम्बुरा सुनले साधु भाई।।
पांच तत्व का बनिया तम्बुरा,
तीन गुण तार मिलाई,
ओहम सोहम रटवा लागा,
निर्गुण राह वताई,
तम्बुरा सुनले साधु भाई।।
आप अमी जानें आरम्भ रचिया,
रचियो घाट घट माई,
गगन मंडल में वाजे तम्बुरो,
दसमो देव जगाई,
तम्बुरा सुनले साधु भाई।।
आप अलख सुधा घड़ियों तम्बुरो,
घड़ियों घाट घट माई,
रुण झुण वाजे तम्बुरो,
बंक नाल उल्टाई,
तम्बुरा सुनले साधु भाई।।
दास कबीर ने गायों तम्बुरो,
सब संता रे माई,
गायन गरीबी पायो तम्बुरो,
संत समझ घर आई,
तम्बुरा सुनले साधु भाई।।
थारा किया करम मिट जाई,
तम्बुरा सुणले साधु भाई,
प्रथम में गुरूजी को सिमरु,
सिमरु स्वर्गा माई,
दर्शन देवों गुरू दर्शन देवो,
हीरदे में या मत आई,
तम्बुरा सुनले साधु भाई।।
गायक / प्रेषक – जगदीश चन्द्र जटिया।
9950647154