तन मन धन से सदा सुखी हो,
भारत देश हमारा,
सभी धर्म अरु सभी पंथ पक्ष को,
दिल से रहे पियारा,
विजयी हो विजयी हो,
विजयी हो भारत देश हमारा।।
निर्भय हो यह देश की माता,
मंगल किर्ती कराने,
सत्यशील अरु निर्मल मन से,
वीरो को उपजाने,
सदगुणी हो यह देश की जनता,
जीवन सुख सजवाने,
रंक राव पंडीत भिकारी,
सबको सुख दिलवाने,
विजयी हो विजयी हो,
विजयी हो भारत देश हमारा।।
स्पृश्यास्पृश्य हटे यह सारा,
देश कलंक मिटाने,
सबके मन कर्तव्यशील हो,
धन उधोग बढाने,
सबका हो विश्वास प्रभु पर,
अपनी शक्ति बढाने,
ब्रम्हचर्य अध्यात्म दैविगुण,
घर-घर में प्रगटाने,
सारा भारत रहे सिपाही,
शत्रु को दहशाने,
तुकड्यादास कहे स्फ़ूर्ती हो,
सबको भक्ति कराने,
विजयी हो विजयी हो,
विजयी हो भारत देश हमारा।।
तन मन धन से सदा सुखी हो,
भारत देश हमारा,
सभी धर्म अरु सभी पंथ पक्ष को,
दिल से रहे पियारा,
विजयी हो विजयी हो,
विजयी हो भारत देश हमारा।।
रचनाकार – राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज।
प्रेषक – प्रकाश पिंपळकर।
9822715945