तेज है लेकिन गमों की,
आंधियां टल जाएगी,
इन चिरागों को ना छूना,
उंगलियां जल जाएगी।।
झिल में तुम मत नहाना,
मल मल के गोरा बदन,
आग पानी में लगेगी,
मछलियां जल जाएगी,
तेज है लेकिन गमो की,
आंधियां टल जाएगी।।
शेर ए गुलशन बागवा में,
अपना खुने दिल शामिल ना कर,
वरना तेरे इस बाग की,
तितलियां उड़ जाएगी,
तेज है लेकिन गमो की,
आंधियां टल जाएगी।।
मत सताना दुल्हनों को,
माल दौलत के लिए,
वरना एक दिन आपकी,
बेटी सताई जाएगी,
तेज है लेकिन गमो की,
आंधियां टल जाएगी।।
तेज है लेकिन गमों की,
आंधियां टल जाएगी,
इन चिरागों को ना छूना,
उंगलियां जल जाएगी।।
Upload By – Manish Sondhiya
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