तेरा भूलू कोन्या शयान री,
आ बेटी कि लाज बचाण नै।।
तेरे नाम कि ज्योत जगाई री,
या दुनीया देवै दुहाई री,
मेरै तेरी भगवाई री,
आ काली भोग लगाण नै।।
मै दुखी घणी सब ढाल हुई,
पित्र हतै कती कंगाल हुई,
पैसी जी का जंजाल हुई,
आ दुखीया का धर्म बचाण नै।।
मेरा कोए सहारा बनता ना,
मेरी जान मरण मै आगी री,
मै तेरी शरण मे आगी री,
आ काली मनै बचाण नै।।
पुनम गुरुजी नै मेहर करी,
जिन्दगी में नई सवेर करी,
ना राजकुमार ने देर करी,
ठा ले आया तेरे महराणे में।।
तेरा भूलू कोन्या शयान री,
आ बेटी कि लाज बचाण नै।।
लेखक / गायक – राजकुमार किनाना जींद।
9728254989