तेरा गण मिलता ना मिले तुं,
बालाजी मैं तो माड़ी होगी,
बैठी रोएं जांं मैं राम जी की सुँ,
बालाजी मैं तो माड़ी होगी।।
चालिस दिन तेरे व्रत निभाए,
धरती में सोई बाबा गुण तेरे गाए,
तन्नै दर्श दिया ना क्युं,
बालाजी मैं तो माड़ी होगी।।
सवामणी तेरा चौला चढ़ाया,
फिर भी बाबा दर्श ना आया,
मैं त बैठी रहगी न्युं की न्युं,
बालाजी मैं तो माड़ी होगी।।
मन कर्म वचन ध्यान धरा थारा,
पाखण्डी कह कुणबा सारा,
रहगी तड़पती हो रू,
बालाजी मैं तो माड़ी होगी।।
कह क भक्तणि सब करः हांसी,
अशोक भक्त क्युं लादी हो,
फांसी कह गुरू मुरारी रोवः क्युं,
बालाजी मैं तो माड़ी होगी।।
तेरा गण मिलता ना मिले तुं,
बालाजी मैं तो माड़ी होगी,
बैठी रोएं जांं मैं राम जी की सुँ,
बालाजी मैं तो माड़ी होगी।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )