तेरा घर ही तेरा मंदिर है,
बैठे है जहां भगवान तेरे,
क्यों भटक रहा है दर दर तू,
माँ बाप ही है भगवान तेरे।bd।
देखे – माँ बाप से बढ़कर जग में।
मंदिर मंदिर गुरुद्वारे में,
तू घूम ले चाहे जग सारे में,
कुछ हाथ नहीं आने वाला,
मूरख प्राणी इंसान तेरे,
क्यों भटक रहा है दर दर तू,
माँ बाप ही है भगवान तेरे।bd।
क्यों भटक रहा है इधर उधर,
माँ बाप की थोड़ी करले फिकर,
इनके चरणों की सेवा कर,
हृदय में भर ले ज्ञान तेरे,
क्यों भटक रहा है दर दर तू,
माँ बाप ही है भगवान तेरे।bd।
इनकी सेवा हरि पूजा है,
इंसान ना कोई दूजा है,
इनकी ही बदौलत धरती पर,
ये कदम पड़े नादान तेरे,
क्यों भटक रहा है दर दर तू,
माँ बाप ही है भगवान तेरे।bd।
गर तू इनको ठुकराएगा,
तू भी ठुकराया जाएगा,
जैसी करनी वैसी भरनी,
यही कहते है भगवान मेरे,
क्यों भटक रहा है दर दर तू,
माँ बाप ही है भगवान तेरे।bd।
एक बात मेरी मन में भरले,
माँ बाप की सेवा तू करले,
‘राही’ उन्हे जन्नत मिल जाती,
माँ बाप का जो भी ध्यान करे,
Bhajan Diary Lyrics,
क्यों भटक रहा है दर दर तू,
माँ बाप ही है भगवान तेरे।bd।
तेरा घर ही तेरा मंदिर है,
बैठे है जहां भगवान तेरे,
क्यों भटक रहा है दर दर तू,
माँ बाप ही है भगवान तेरे।bd।
Singer – Upasana Mehta