तेरा मन भा गया दरबार,
हो पवनकुमार,
दीवाना तेरा हो लिया।।
तेरा जब तै दर्शन पाया हो,
हुई आनंद मेरी काया हो,
तेरा दुखी करै से प्यार,
हो पवनकुमार,
दीवाना तेरा हो लिया।।
मनै सच्चे दिल तै मान लिया,
तुझको बाबा पहचान लिया,
तु शिवजी का अवतार,
हो पवनकुमार,
दीवाना तेरा हो लिया।।
मेरै खटक लगी तेरे नाम की,
इस मेहंदीपुर के धाम की,
करता सबका उद्धार,
हो पवनकुमार,
दीवाना तेरा हो लिया।।
डांगी नै ले लिया सरणा हो,
दया बिट्टू पै तु करना हो,
करता कौशिक परचार,
हो पवनकुमार,
दीवाना तेरा हो लिया।।
तेरा मन भा गया दरबार,
हो पवनकुमार,
दीवाना तेरा हो लिया।।
गायक – श्री नरेंद्र कौशिक जी।
प्रेषक – हन्नू डांगी।
9953806362