तेरा श्याम तो तेरे ही,
घर के मंदिर में बैठा,
तू क्यों रोता है बेटा,
मंदिर बंद है तो क्या,
तेरा श्याम तो तेरें ही,
घर के मंदिर में बैठा।।
तर्ज – दिल दीवाने का।
तू रोज़ सवेरे उठकर,
घर के मंदिर को सजाता,
फिर बैठ मेरे आगे,
तू मेरा ध्यान लगता,
जब ध्यान लगाए मेरा,
मैं निहारु तुझको बैठा,
तेरा श्याम तो तेरें ही,
घर के मंदिर में बैठा।।
हर बार तू खाटू आता,
मेरे द्वारे शीश झुकाता,
पैदल चलके तू प्यारे,
मुझको निशान चढ़ाता,
तू प्रेम भाव से मुझको,
भजन सुनाता मीठा,
तेरा श्याम तो तेरें ही,
घर के मंदिर में बैठा।।
तू मत घबराना प्यारे,
तेरे नियम जो खाटू द्वारे,
स्वीकार करूँगा आकर,
तेरे घर मंदिर में सारे,
‘दीपक’ का सहारा बनकर,
मन मंदिर में बैठा,
तेरा श्याम तो तेरें ही,
घर के मंदिर में बैठा।।
तेरा श्याम तो तेरे ही,
घर के मंदिर में बैठा,
तू क्यों रोता है बेटा,
मंदिर बंद है तो क्या,
तेरा श्याम तो तेरें ही,
घर के मंदिर में बैठा।।
Singer & Writer – Deepak Choudhari