तेरे आया क्यूं ये आया,
नैनों में नीर ये आया,
भूल गया क्या श्याम को अपने,
श्याम ने नहीं भुलाया,
भुलाया तेरे आया,
क्यूं ये आया।।
ना तू रखे दिल की दिल में,
कह दे दिल की सारी,
कहने से ही श्याम से दिल की,
होगी निर्मल काया,
या काया तेरे आया,
क्यूं ये आया।।
क्या तुने कर्मों से अपने,
कोई आज रूलाया,
खाके ठोकर गिरा तु जब भी,
श्याम ने तुझे उठाया,
उठाया तेरे आया,
क्यूं ये आया।।
काया माया के मद में क्या,
भूल गया अपनों को,
विपदा में तेरे संग में हरपल,
रहा श्याम का साया,
ओ साया तेरे आया,
क्यूं ये आया।।
श्याम के दर जब बरसे नैना,
बरसे फिर वहां रहमत,
“जालान” ने दर से इतना पाया,
झोली में न समाया,
समाया तेरे आया,
क्यूं ये आया।।
तेरे आया क्यूं ये आया,
नैनों में नीर ये आया,
भूल गया क्या श्याम को अपने,
श्याम ने नहीं भुलाया,
भुलाया तेरे आया,
क्यूं ये आया।।
गायक – उमाशंकर गर्ग।
भजन रचयिता – पवन जालान।
9416059499 भिवानी (हरियाणा)