भादौ मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा,
तेरे बगैर बाबा,
तेरे बगैर बाबा,
फागण मजा ना देगा,
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा।।
तर्ज – चूड़ी मजा ना देगी।
ये पुरे बारह महीने,
हम टकटकी लगाए,
कब आएगा ये फागण,
उंगली पे गिनते जाए,
मिलने का इससे अच्छा,
मिलने का इससे अच्छा,
मौका कहाँ मिलेगा,
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा।।
खाटू को छोड़ बाबा,
फागण कहाँ बिताएं,
मेले में तुमसे मिलके,
इस दिल को चैन आए,
तेरे बिना ये मेला,
तेरे बिना ये मेला,
मेले सा ना लगेगा,
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा।।
भादौ मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा,
तेरे बगैर बाबा,
तेरे बगैर बाबा,
फागण मजा ना देगा,
भादो मजा ना देगा,
सावन मजा ना देगा।।
स्वर – राज पारीक जी।
Great