तेरे बेटे तने बुलावै हो दादा,
आ जा एक बार।।
बैठे सै तेरा आसन लाकै,
थारै नाम की ज्योत जगाकै,
तारैं दर्शन करना चाहवै हो दादा,
आ जा एक बार।।
अमावस ने दादा तनैं बुलाकै,
हरिद्वार तै गंगा जल लाकै,
थारै थान नै खुब नहावै हो दादा,
आ जा एक बार।।
देशी घी सै हवन कराकै दादा,
हल्वै खीर का भोग लगाकै,
तामनै पांचों कपड़े पहनावै हो दादा,
आ जा एक बार।।
लक्की शर्मा करें तेरी भगति,
बलराज शामदो ने देखी शक्ति,
तु म्हारा कहण पुगादे हो दादा,
आ जा एक बार।।
तेरे बेटे तने बुलावै हो दादा,
आ जा एक बार।।
गायक – लक्की शर्मा।
लेखक – पंडित बलराज शामदो जीन्द।
8883000119