भजन नहीं ये श्याम तेरा,
तेरे भगत के दिल का हाल है,
सुनता सबकी सांवरिया तू,
रखता सबका खयाल है,
जो बाते कह नहीं पाता हूं,
वो भाव पिरो के सुनाता हूं,
ना जानू कोई सुर ना जानू ताल मैं,
ना जानू कोई सुर ना जानू ताल मैं।।
सब कुछ है तू सेठ सांवरे,
तू ही बस पहचान है,
तुमसे ही चलती है सांसे,
तू धड़कन तू जान है,
जो गम हंसकर सह जाता हूं,
वो भाव बना के सुनाता हूं,
ना जानू कोई सुर ना जानू ताल मैं,
ना जानू कोई सुर ना जानू ताल मैं।।
‘सनी शर्मा’ का कहना,
बालक तेरा नादान है,
तू मेरा मैं तेरा बाबा,
तुझ बिन दिल बेजान है,
तेरे नाम से मन बहलाता हूं,
कह दिल का हाल सुनाता हूं,
ना जानू कोई सुर ना जानू ताल मैं,
ना जानू कोई सुर ना जानू ताल मैं।।
तुमको कितना चाहते है,
ये शब्द नहीं लिख पाते है,
लिखने बैठे श्याम नाम जब,
श्याम में ही खो जाते है,
राखी ने लिखा जो सुनाता हूं,
वो भाव पिरो के सुनाता हूं,
ना जानू कोई सुर ना जानू ताल मैं,
ना जानू कोई सुर ना जानू ताल मैं।।
भजन नहीं ये श्याम तेरा,
तेरे भगत के दिल का हाल है,
सुनता सबकी सांवरिया तू,
रखता सबका खयाल है,
जो बाते कह नहीं पाता हूं,
वो भाव पिरो के सुनाता हूं,
ना जानू कोई सुर ना जानू ताल मैं,
ना जानू कोई सुर ना जानू ताल मैं।।
गायक – सन्नी श्याम दीवाना।
9996501616
लेखिका – राखी नरेंद्र गोयल।