ना जानू जग की बाबा,
बस अपनी बात कहूं मैं,
तेरे भजनों में है जादू,
महसूस तुझे ही करूं मैं,
ना जानू जग की बाबा,
बस अपनी बात कहूं मैं।।
तर्ज – तुझे सूरज कहूं या।
जब जब भी दिल घबराया,
कोई भी पास न आया,
क्या तुमको दिल की बताऊं,
भजनों में श्याम को पाया,
आंखों में थे जो आंसू,
अब श्याम है सबसे कहूं मैं,
तेरे भजनो में है जादु,
महसूस तुझे ही करूं मैं।।
जब से ओ खाटू वाले,
मैं तेरी शरण हूँ आया,
तब से ही तूने मेरी,
हर उलझन को सुलझाया,
अब हर एहसास में तुम हो,
तेरा ज़िक्र ही सबसे करूं मैं,
तेरे भजनो में है जादु,
महसूस तुझे ही करूं मैं।।
जब भी मैं देखूं बाबा,
कोई तुमको भजन सुनाए,
मालूम नहीं मुझे तेरा पर,
ये ‘नेहा’ रिझ जाए।
भजनों से नेह पुराना,
बस श्याम ही श्याम भजूं मैं,
तेरे भजनो में है जादु,
महसूस तुझे ही करूं मैं।।
ना जानू जग की बाबा,
बस अपनी बात कहूं मैं,
तेरे भजनों में है जादू,
महसूस तुझे ही करूं मैं,
ना जानू जग की बाबा,
बस अपनी बात कहूं मैं।।
Singer – Prateek Mishra