तेरे भवन सजाए आज,
मेरे अंगना बालाजी,
मैं तने बुलाऊं आज,
मेरे अंगना बालाजी।।
तेरे नाम की ज्योत जगाई,
धर दिया तेरा लंगोट हो बाबा,
तेरे नाम की मस्ती छाई,
करिए मेरी सपोर्ट हो बाबा,
छम छम नाचो आज,
मेरे अंगना बालाजी।।
घणे दिना तै बाट देख रहा,
होगी मेरी सुनाई हो बाबा,
माला फेरी तेरे नाम की,
बढ़ गई मेरी कमाई हो बाबा,
एक गेड़ा लाइए आज,
मेरे अंगना बालाजी।।
माया के भंडार भरे मेरे,
होंगे वारे न्यारे हो बाबा,
पैसा पाइ पल्ले ना हो,
दुखी रहे सब सारे हो बाबा,
खुशियां छाई आज,
मेरे अंगना बालाजी।।
राजकुमार ने कलम उठा ली,
लिखता तेरी बडाई हो बाबा,
घोर चढ़ी रह तेरे नाम की,
करन लगा कविताई हो बाबा,
दो भजन सुनाइए आज,
मेरे अंगना बालाजी।।
तेरे भवन सजाए आज,
मेरे अंगना बालाजी,
मैं तने बुलाऊं आज,
मेरे अंगना बालाजी।।
लेखक / गायक – राजकुमार किनाना जींद।
9728254989