तेरे बिना मेरा बालाजी,
इस जग में कोण सहारा,
मन्नै मतना गैरः न्यारा।।
रोम रोम में बसा होया स,
नाम तेरा बालाजी,
पागल की ज्यों डोले जां मैं,
सुबह शाम बालाजी,
इब हाथ थाम मेरा हेरः र हेरः र,
इब हाथ थाम मेरा बालाजी,
मैं भटकुं मारा मारा,
मन्नै मतना गैरः न्यारा।
तेरे बीना मेरा बालाजी,
इस जग में कोण सहारा,
मन्नै मतना गैरः न्यारा।।
तेरे भवन में चौबीस घंटे,
राम नाम गुण गाऊँ,
सुबह शाम तेरी करूं आरती,
भक्तां में मिल ज्याऊँ,
तेरे दर्शन करणा हेरःर हेरःर,
तेरे दर्शन करणा चाहुँ सुँ,
मन्नै साल बितगे बारा,
मन्नै मतना गैरः न्यारा।
तेरे बीना मेरा बालाजी,
इस जग में कोण सहारा,
मन्नै मतना गैरः न्यारा।।
गुरू मुरारी समचाणे में,
जिनके चैले हजार बणे,
सबके अंदर खेलः बाबा,
बसा दिए नर नार घणे,
कर क आशा हेरः र हेरः र,
कर क आशा आए द्वार घणे,
मैं भी आश लगा रहया,
मन्नै मतना गैरः न्यारा।
तेरे बीना मेरा बालाजी,
इस जग में कोण सहारा,
मन्नै मतना गैरः न्यारा।।
सुरजभान कंजावले आला,
ले आया मेंहदीपुर धाम,
गाम समाल सदा यहीं रहणा,
किसकी खातर ला रहया,
जाम ‘कप्तान शर्मा’ हेरः र हेरः र,
‘कप्तान शर्मा’ सौदा सिराणा,
दर प पैर जमा रहया,
मन्नै मतना गैरः न्यारा।
तेरे बीना मेरा बालाजी,
इस जग में कोण सहारा,
मन्नै मतना गैरः न्यारा।।
तेरे बिना मेरा बालाजी,
इस जग में कोण सहारा,
मन्नै मतना गैरः न्यारा।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )