तेरे दर पे सेवक आ गया,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे,
तेरा मंदिर मन को भा गया,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे,
तेरी सुन्दर मूरत माँ,
तेरी पावन चौखट माँ,
लाखो में एक तू माँ,
तेरी पूजा करने आ गए,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे
तेरे दर पे सेवक आ गए,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे,
तेरा मंदिर मन को भा गया,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे।।
तर्ज – दिल चोरी साटा हो गया।
मैं गंगा तट पर जाऊँ,
गंगा जल भर कर लाऊँ,
तेरे पास बैठ के मैया,
तेरे पावन चरण धुलाऊँ,
तेरा दर्शन करने आ गया,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे
तेरे दर पे सेवक आ गए,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे,
तेरा मंदिर मन को भा गया,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे।।
मैं चंदन वन में जाऊँ,
चन्दन की लकड़ी लाऊँ,
घिस घिस कर चंदन मैया,
माथे पर तिलक लगाऊं,
तेरा रूप मेरे मन भा गया,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे
तेरे दर पे सेवक आ गए,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे,
तेरा मंदिर मन को भा गया
तेरी जय हो माँ जगदम्बे।।
तू जग की तारणहारी,
मैं ठहरा एक भिखारी,
तेरा दिल है दया का सागर,
माँ मुझको रखलो चाकर,
तुम्हे अरज सुनाने आ गया,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे
तेरे दर पे सेवक आ गए,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे,
तेरा मंदिर मन को भा गया,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे।।
तेरे दर पे सेवक आ गया,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे,
तेरा मंदिर मन को भा गया,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे,
तेरी सुन्दर मूरत माँ,
तेरी पावन चौखट माँ,
लाखो में एक तू माँ,
तेरी पूजा करने आ गए,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे
तेरे दर पे सेवक आ गए,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे,
तेरा मंदिर मन को भा गया,
तेरी जय हो माँ जगदम्बे।।
स्वर – मुकेश बागड़ा जी।