तेरे दरबार में भोले,
बड़ी आशा से आया हूँ,
तेरे चरणों में भंडारी,
निवेदन करने आया हूँ,
निवेदन करने आया हूँ,
बड़ी आशा से आया हूँ,
बड़ी आशा से आया हूँ,
तेरे दरबार मे भोले,
बड़ी आशा से आया हूँ।।
तर्ज – दया कर दान भक्ति का।
पतित को भूल मत जाना,
की तुम पतितों के पावन हो,
मैं सेवक हूँ तेरा स्वामी,
तुम्ही बस मेरे भगवन हो,
तुम्ही बस मेरे भगवन हो,
इसी की याद मैं भोले,
दिलाने तुमको आया हूँ,
तेरे दरबार मे भोले,
बड़ी आशा से आया हूँ।।
तेरे दरबार में आकर,
ही मुझको चैन मिलता है,
तेरे दर्शन से ही शम्भू,
मेरा मन सुमन खिलता है,
मेरा मन सुमन खिलता है,
तेरे चरणों में तन मन को,
मैं अर्पण करने आया हूँ,
तेरे दरबार मे भोले,
बड़ी आशा से आया हूँ।।
मेरी सेवा से खुश हो जा,
हे औघड़दानी बाबा तू,
दया की भीख दे दे अब,
बड़ा वरदानी देवा तू,
करो ना देर शिव शंकर,
करो ना देर शिव शंकर,
मैं दुनिया का सताया हूँ,
तेरे दरबार मे भोले,
बड़ी आशा से आया हूँ।।
तेरे दरबार में भोले,
बड़ी आशा से आया हूँ,
तेरे चरणों में भंडारी,
निवेदन करने आया हूँ,
निवेदन करने आया हूँ,
बड़ी आशा से आया हूँ,
बड़ी आशा से आया हूँ,
तेरे दरबार मे भोले,
बड़ी आशा से आया हूँ।।