तेरे डेरे से भीड़ नही हटती,
हजारो लोग आते है,
हजारो लोग आते है।।
तर्ज – तेरे चेहरे से नजर नही हटती।
ऊँचे पहाड़ो और,
पथरीली राहो मे,
रुकते नही चाहे,
पड़े छाले पाँवो मे,
तेरे दरश की,
प्यास नही घटती,
हजारो लोग आते है,
हजारो लोग आते है।।
दर पे जो आस लेकर,
तेरे भक्त आते है,
तेरी दया से मन की,
मुराद पाते है,
मइया भक्तो की,
आश पूरी करती,
हजारो लोग आते है,
हजारो लोग आते है।।
मै भी शरण तेरी,
आया माता रानी,
करदो दया माँ,
हे वैष्णोरानी,
तुम तो भक्तो की,
झोलियाँ भरती,
हजारो लोग आते है,
हजारो लोग आते है।।
तेरे डेरे से भीड़ नही हटती,
हजारो लोग आते है,
हजारो लोग आते है।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
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