तेरे द्वार खड़ा,
तेरे द्वार खडा,
मैं हार गया हूँ मेरे श्याम,
मैं हार गया हूँ मेरे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा,
नहीं कोई ठिकाना है दुनिया में,
तेरे दर के सिवा मेरे श्याम,
तेरे दर के सिवा मेरे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा।।
तर्ज – बड़ी देर भई कब लोगे खबर।
हारा हूँ मैं मेरे कर्मो के कारण,
थमता नहीं है आँखों से सावन,
मेरी अटकी भंवर बिच नैया,
खाए हिचकोले श्याम,
खाए हिचकोले श्याम,
हे श्याम हे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा।।
लायक नहीं तेरे द्वार के बाबा,
पर मैं करूँ क्या समझ ना आता,
मेरे पापों की गिनती बड़ी है,
तुझे सब है पता मेरे श्याम,
हे श्याम हे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा।।
सुनकर मैं चर्चा दर तेरे आया,
परिवार लाखों का तूने चलाया
करो मुझपे रहम मेरे बाबा,
पकड़ो मेरी बाहें श्याम,
पकड़ो मेरी बाहें श्याम,
हे श्याम हे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा।।
तेरे द्वार खड़ा,
तेरे द्वार खडा,
मैं हार गया हूँ मेरे श्याम,
मैं हार गया हूँ मेरे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा,
नहीं कोई ठिकाना है दुनिया में,
तेरे दर के सिवा मेरे श्याम,
तेरे दर के सिवा मेरे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा।।
स्वर – संजय मित्तल जी।