तेरे ही भरोसे बाबा,
मेरा परिवार था,
मेरा परिवार था,
आज भी है और,
कल भी रहेगा,
तेरा ही सहारा मुझको,
तेरा ही आधार था,
आज भी है और,
कल भी रहेगा।।
तर्ज – सौ साल पहले।
तेरी किरपा से श्याम,
सुखी परिवार है मेरा,
मेरा जीवन है खुशहाल,
बड़ा उपकार है तेरा,
मेरा तो पालनहारा,
तू ही दातार था,
तू ही दातार था,
आज भी है और,
कल भी रहेगा।।
तेरे ही भरोसें बाबा,
मेरा परिवार था,
मेरा परिवार था,
आज भी है और,
कल भी रहेगा।।
हर वक्त मेरा तुमने,
कन्हैया साथ निभाया है,
जब दी आवाज तुम्हे,
तू लीले चढ़कर आया है,
पहले भी इतना तुम पर,
मेरा अधिकार था,
मेरा अधिकार था,
आज भी है और,
कल भी रहेगा।।
तेरे ही भरोसें बाबा,
मेरा परिवार था,
मेरा परिवार था,
आज भी है और,
कल भी रहेगा।।
मेरी अर्जी को हर बार,
श्याम तूने मंजूर किया,
बिन मांगे ही दाता,
मुझे तूने भरपूर दिया,
पहले भी ‘सोनू’ बाबा,
तेरा कर्जदार था,
तेरा कर्जदार था,
आज भी है और,
कल भी रहेगा।।
तेरे ही भरोसें बाबा,
मेरा परिवार था,
मेरा परिवार था,
आज भी है और,
कल भी रहेगा।।
तेरे ही भरोसे बाबा,
मेरा परिवार था,
मेरा परिवार था,
आज भी है और,
कल भी रहेगा,
तेरा ही सहारा मुझको,
तेरा ही आधार था,
आज भी है और,
कल भी रहेगा।।