तेरे ही भरोसे मेरी नैया रे कन्हैया,
चाहे पार करो,
या मजधार डुबो,
मेरे सांवरिया, सांवरिया,
तेरे ही भरोसे मेरी,
नैया रे कन्हैया।।
तर्ज – कौन दिशा में लेके।
फूटी नाव मेरी ये,
मुझसे ना खेइ जाये हो,
नदिया गहरी नाव पुरानी,
कैसे पार लगाये हो,
हाथ लगा दो,
थोड़ा बड़ा दो,
फिर शायद चल जाये हो,
पार लगाना तेरा काम रे खिवैया,
चाहे पार करो,
या मजधार डुबो,
मेरे सांवरिया, सांवरिया,
तेरे ही भरोसे मेरी,
नैया रे कन्हैया।।
अगर मेरी नाव ये,
डूब गई तो,
तुझसे जमाना पूछेगा,
चुप रहेगा,
या कोई बहाना,
फिर से तुझको सूझेगा,
लाज लूटी अगर तेरे होते,
कैसे मुँह तू दिखायेगा,
जो तू करेगा,
स्वीकार रे कन्हैया,
चाहे पार करो,
मझधार डुबो,
मेरे साँवरिया,
तेरे ही भरोसे मेरी,
नैया रे कन्हैया।।
ना मुझे खुशियो की चिंता,
ना गम मुझे सताते है,
मेरी किस्मत के दुःख मुझ में,
ये विश्वास जगाते है,
देख रहा सब तू भी बाबा,
कैसे दुःख विष पिते है,
‘रूबी रिधम’ तो,
तेरे शरण कन्हैया,
चाहे पार करो,
मझधार डुबो,
मेरे साँवरिया,
तेरे ही भरोसे मेरी,
नैया रे कन्हैया।।
तेरे ही भरोसे मेरी नैया रे कन्हैया,
चाहे पार करो,
या मजधार डुबो,
मेरे सांवरिया, सांवरिया,
तेरे ही भरोसे मेरी,
नैया रे कन्हैया।।
Singer: Kumar Shiva