तेरे होते क्यों झोली खाली है माँ,
तर्ज – जिन्दा रहने के लिए।
दोहा – तू तो दाती है माँ कहाती है,
रहमो नजर कर दे,
इंतजार तेरा,
ठोकरों के ज़माने में जिया,
खूब रोया हूँ कर माँ प्यार मुझे।
तेरे होते क्यों झोली खाली है माँ,
तेरे होते क्यों झोली खाली है माँ,
तू तो ममता लुटाने वाली है माँ,
तू तो ममता लुटाने वाली है माँ।।
तमन्ना ये लेकर जो भी आ गए,
तेरे दर से वो मैया ना खाली गए,
सारे संसार की वो ख़ुशी पा गए,
तुम्हारी ही कृपा से माँ,
जहां में खुशहाली है,
किया है क्या कसूर,
काहे मेरी झोली खाली है,
काहे मेरी झोली खाली है,
तू तो ममता लुटाने वाली है माँ,
तू तो ममता लुटाने वाली है माँ।।
आशा जगने लगी है,
भोर होने लगी है,
फूल खिलने लगे है,
मेहर सी होने लगे है,
सपने सजने लगे है,
सच से लगने लगे है,
जो भी थे गैर मुझे,
वो अपने लगने लगे है,
तेरा शुक्रिया माँ तेरा शुक्रिया,
तेरा शुक्रिया माँ तेरा शुक्रिया,
इस नाचीज़ पर ये,
करम जो किया,
माँ ‘लहरी’ की झोली में,
तुझी से खुशहाली है,
दिवाली है दिवाली है,
तुझी से माँ दिवाली है,
तू तो ममता लुटाने वाली है माँ,
तू तो ममता लुटाने वाली है माँ।।
शेरावाली मेहरवाली,
जोतावाली लाटावाली।
तेरे होते क्यों झोली खाली है माँ,
तेरे होते क्यों झोली खाली है माँ,
तू तो ममता लुटाने वाली है माँ,
तू तो ममता लुटाने वाली है माँ।।
Singer : Juli Singh
Bahut hi achhi hai
Bahut achha laga apka bahut dhanyvad sir