सुबह शाम और आठों याम,
बस जपूँ मैं तेरा नाम रे,
तेरे नाम के बावले हम,
खाटू वाले सांवरे।।
तू जो बोले भोग लगाऊँ,
हुकम बजा के देख ले,
तेरे नाम का रोग लगा है,
जांच करा के देख ले,
नाचे टाबर सारा मेरा,
रुकते ना ये पाँव रे,
तेरे नाम के बावलें हम,
खाटू वाले सांवरे।।
नीले घोड़े वाले बाबा,
लीला तेरी न्यारी से,
चुलकाना में भी धाम बना से,
आवे दुनिया सारी रे,
पंचकुला से नारनोल तक,
नाचे गाँव गाँव रे,
पुरे हरयाणे से खाटू,
आवे गाँव गाँव रे,
तेरे नाम के बावलें हम,
खाटू वाले सांवरे।।
जब जब बाबा तेरी याद सतावे,
आंख्या भर भर आवे से,
‘मित्तल’ की तू जान सांवरे,
बस तेरे लिए ही गावे से,
तेरे भरोसे चाले बाबा,
हम भगता की नाव रे,
तेरे नाम के बावलें हम,
खाटू वाले सांवरे।।
सुबह शाम और आठों याम,
बस जपूँ मैं तेरा नाम रे,
तेरे नाम के बावले हम,
खाटू वाले सांवरे।।
गायक – कन्हैया मित्तल जी।
प्रेषक – नितिन महेश्वरी।
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