तेरे पार करें माँ बेड़े रे,
माँ बाप की कदर करन आले।।
भगवान ते बढ़ के इनका दर्जा,
जीते जी ना उतरे कर्जा,
चौगरदे बसियो खेड़े रे,
माँ बाप की कदर करन आले।।
करिए दगा ना इनके संग में,
साथ रहे तेरे हर ऐक ढंग में,
तेरे मिटजागे उलझेड़े रे,
माँ बाप की कदर करन आले।।
कोन्या तीर्थ जान की जरूरत,
घर में बैठी प्यारी मूरत,
तेरे हो जा दूर बखेडे रे,
माँ बाप की कदर करन आले।।
नीरज शर्मा करता रहिए,
घड़ा धर्म का भरता रहिए,
तू नाता रहिये जोड़े रे,
माँ बाप की कदर करन आले।।
तेरे पार करें माँ बेड़े रे,
माँ बाप की कदर करन आले।।
लेखक / गायक – नीरज शर्मा खेड़का बहादुरगढ़।
9728792190
प्रेषक – अनुपम शर्मा।
7988430353