तेरे पांच रहेंगे माँ लाल,
कसम नंदलाल की खाता हूँ,
मत करना दिल में मलाल,
कसम नंदलाल की खाता हूँ।।
तर्ज – हम भूल गए हर बात।
(संवाद – कर्ण और माता कुंती)
है मित्र हमारा दुर्योधन,
मित्रता निभाना आता है,
पर अर्जुन से मत कह देना,
भाई भाई का नाता है,
ममता का बनो ना दलाल,
कसम नंदलाल की खाता हूँ।।
एक बात बता दो ओ मैया,
जो मेरे दिल में आई है,
इतने वर्षों के बाद में माँ,
क्यों याद हमारी आई है,
अब तक ना आया ख्याल,
कसम नंदलाल की खाता हूँ।।
यह पांच बाण ले जा मुझसे,
जाकर अर्जुन को दे देना,
पर तुझे कसम है ओ मैया,
मर जाऊं लाश पर मत आना,
बेनारी का लगेगा दाग,
कसम नंदलाल की खाता हूँ।।
तेरे पांच रहेंगे माँ लाल,
कसम नंदलाल की खाता हूँ,
मत करना दिल में मलाल,
कसम नंदलाल की खाता हूँ।।
Singer – Ganesh Kumar Purohit
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