तेरे सलकनपुर स्थान,
दुर्गा महारानी।।
मैया विजयासन है भोली,
मैया भरती सबकी झोली,
निर्धन को करे धनवान,
दुर्गा महारानी।।
मैया पलना कोई चढ़ाये,
मैया ललना कोई खिलाये,
मुह मांगा मिले वरदान,
दुर्गा महारानी।।
मैया शरण तुम्हारी आऊँ,
पूड़ी हलवा भोग लगाऊं,
करो कृपा दया निधान,
दुर्गा महारानी।।
मैया ज्योत जले दिन राती,
मैया सोये भाग जगाती,
तेरी महिमा बड़ी महान,
दुर्गा महारानी।।
मैया ‘पदम्’ तेरे जस गाये,
मैया बिगड़े काज बनाये,
तेरे सेवक है नादान,
दुर्गा महारानी।।
तेरे सलकनपुर स्थान,
दुर्गा महारानी।।
लेखक / प्रेषक – डालचन्द कुशवाह “पदम्”भोपाल।
9827624524