होके परेशां ऐसे क्यों,
आंसू बहा रहा,
कब तू अकेला था,
तेरे संग मैं खड़ा रहा,
होके परेशां ऐसे क्यों,
आंसू बहा रहा।।
तर्ज – लग जा गले।
माना की मुझको आने में,
कुछ देर हो गई,
पर ना समझ तू ये कभी,
अंधेर हो गई,
साया मेरा है तेरे संग,
तू जहाँ जहाँ चला,
कब तू अकेला था,
तेरे संग मै खड़ा रहा,
होके परेशां ऐसे क्यों,
आंसू बहा रहा।।
विश्वास का है नाता ये,
कमज़ोर तू ना हो,
छोड़ूँ ना साथ तेरा मैं,
कोई और हो ना हो,
तू भी निभाना जैसे मैं,
तुझको निभा रहा,
कब तू अकेला था,
तेरे संग मै खड़ा रहा,
होके परेशां ऐसे क्यों,
आंसू बहा रहा।।
चारों पहर ही आएंगे,
ये ही विधान है,
रातों के बीत जाने पे,
रोशन जहान है,
‘राघव’ ये सीख है तुझे,
जो मैं सिखा रहा,
कब तू अकेला था,
तेरे संग मै खड़ा रहा,
होके परेशां ऐसे क्यों,
आंसू बहा रहा।।
होके परेशां ऐसे क्यों,
आंसू बहा रहा,
कब तू अकेला था,
तेरे संग मैं खड़ा रहा,
होके परेशां ऐसे क्यों,
आंसू बहा रहा।।
Singer – Durga Gamad
https://youtu.be/NK0QUu6xHHI