बिहारी मैं तो कब से खड़ी
तेरी अंखिया हैं जादू भरी,
बिहारी मैं तो कब से खड़ी ।
सुनलो मेरे श्याम सलोना,
तुमने ही मुझ पर कर दिया टोना ।
मेरी अंखियां तुम्ही से लड़ी,
बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥
तुम सा ठाकुर और ना पाया,
तुमसे ही मैंने नेह लगाया ।
मैं तो तेरे ही द्वार पड़ी,
बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥
कृपा करो हरिदास के स्वामी,
बांके बिहारी अन्तर्यामी ।
मेरी टूटे ना भजन की लड़ी,
बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥