तेरी भोली सी सुरतिया,
समाए गई दिल में ओ सांवरिया,
ओ मेरे सांवरिया ओ मेरे सांवरिया,
ओ मेरे सांवरिया ओ मेरे सांवरिया।।
ये भी देखें – तेरी भोली सी सुरत सांवरिया।
ओ तेरे नैना रस के रसीले,
ओ रसीले और कटीले,
ओ तेरे नाक होंठ को देखके प्यारे,
लग ना जाए नजरिया,
समाए गई दिल में ओ सांवरिया।।
ओ तेरे मोरपखा सिर सोहे,
ओ तेरी सूरत मन को मोहे,
हाथ लकुटिया कांधे कमरिया,
बाजे मधुर बांसुरिया,
समाए गई दिल में ओ सांवरिया।।
तेरी अलखे हैं घुंघराली,
ओ घुंघरारी कारी कारी,
ओ पागल तो है तेरा दीवाना,
कर दे बीते उमरिया,
समाए गई दिल में ओ सांवरिया।।
तेरी भोली सी सुरतिया,
समाए गई दिल में ओ सांवरिया,
ओ मेरे सांवरिया ओ मेरे सांवरिया,
ओ मेरे सांवरिया ओ मेरे सांवरिया।।
स्वर – चित्र विचित्र जी महाराज।
प्रेषक – ऋषि कुमार विजयवर्गीय।
7000073009