तेरी बिगड़ी बना देगी,
चरण रज राधा प्यारी की।।
तू बस एक बार श्रद्धा से,
लगा कर देख मस्तक पर,
सोयी किस्मत जगा देगी,
चरण रज राधा प्यारी की।
तेरी बिगडी बना देगी,
चरण रज राधा प्यारी की।।
दुखो के घोर बादल हों,
या लाखों आंधियां आयें,
तुझे सबसे बचा लेगी,
चरण रज राधा प्यारी की।
तेरी बिगडी बना देगी,
चरण रज राधा प्यारी की।।
तेरे जीवन के अँधियारो में,
बनके रोशनी तुझको,
नया रास्ता दिखा देगी,
चरण रज राधा प्यारी की।
तेरी बिगडी बना देगी,
चरण रज राधा प्यारी की।।
भरोसा है अगर सच्चा,
उठा कर फर्श से तुझको,
तुझे यह अर्शों पर बिठा देगी,
चरण रज राधा प्यारी की।
तेरी बिगडी बना देगी,
चरण रज राधा प्यारी की।।
लिखे महिमा चरण रज की,
नहीं है ʻदासʼ की हस्ती,
तुझे दासी बना लेगी,
चरण रज राधा प्यारी की।
तेरी बिगडी बना देगी,
चरण रज राधा प्यारी की।।
तेरी बिगड़ी बना देगी,
चरण रज राधा प्यारी की।।
स्वर – भईया कृष्ण दास जी।